नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

सोमवार, 29 अगस्त 2011

मुहावरे (अ,आ,अं,अः)

अक्ल का अंधा : मूर्ख, बेवकूफ
जैसा तुम समझतो हो वह अक्ल का अँधा नहीं।
अक्ल चरने जाना : समय पर बुद्धि का काम न करना।
मगरूर लड़की ! तेरी अक्ल कहीं घास चरने तो नहीं गई।
अक्ल ठिकाने लगना : होश ठीक होना।
फिर देखो कैसे चार दिन में सबकी अक्ल ठिकाने लगती है।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना : सबसे अलग रहना।
आप लोग किसी के साथ मिलकर काम करना नहीं जानते, अपनी खिचड़ी अलग पकाते हैं।
आग-बबूला होना : गुस्सा होना।
लड़के को नकल करते देखकर गुरुजी आग बबूला हो गए।
आना - कानी करना : न करने के लिए बहाना करना।
मैं उससे जब पुस्तक माँगने लगा तो वह आना-कानी करने लगा।
आँख लगना : सो जाना।
मैं रात को पुस्तक लेकर बैठा था कि आँख लग गई।
आँख का तारा होना/ आँखों का तारा होना: बहुत प्रिय होना
सोहन अपनी माँ की आँखों का तारा है
अंक देना : आलिंगन करना।
प्रेम से वशीभूत वह बहुत देर तक अंक दिये रहा।
अंग - अंग ढीले होना : थका होना।
शाम को घर पहुंचते पहुंचते अंग-अंग ढीले हो चुके होते हैं।
अंग - अंग मुस्काना : रोम रोम से प्रसन्नता छलकना।
लक्ष्य प्राप्ति पर उसके अंग – अंग मुस्काने लगे।
अंग धरना : पहनना/धारण करना।
ऋत के अनुसार वस्त्र अंग धरने चाहिए।
अंग टूटना : शरीर में दर्द होना।
आज मेरा अंग-अंग टूट रहा है।
अंग लगना : हजम हो जाना/काम में आना।
रोज रोज के पकवान उसके अंग लग गये हैं।
अंग लगाना : लिपटना।
दिनों बाद मिले मित्र को उसने अंग लगा लिया।
अंग से अंग चुराना : संकुचित होना।
आज कल बाज़ारों में इतनी भीड़ होती है की चलते समय अंग से अंग चुराने पड़ते है।
अंगार सिर पर रखना : कष्ट सहना।
कर्महीन व्यक्ति के सिर पर अंगार रहते है।
अंगारे उगलना : कठोर बात कहना।
वह बातें क्या कर रहा था, मानो अँगारे उगल रहा था।
अंगारे बरसना : तेज धूप पड़ना।
जयेष्ठ माह में अंगारे बरसते हैं।
अंगारों पर लोटना : ईष्या से जलना।
सौतन को सामने देख वह अंगारों पर लोटने लगी।
अंगुठा चुसना : खुशामद करना / धीन होना।
स्वाभिमानी कभी किसीका अंगुठा नहीं चुसते।
अंचल पसारना : नम्रता से मांगना।
जरूरतमंद हर किसी के आगे अंचल पसारता है।
अंजर पंजर ढीले होना : पुर्जो का बिगड़ जाना/अभिमान नष्ट होना/ अंग अंग ढीले होना।
दस किलोमिटर चलते ही उसके तो अंजर पंजर ढीले हो गए।
अंटी बाज : दगाबाज।
सावधान रहना, वह अंटीबाज है।
अंटी में रखना : छिपाकर रखना।
सत्य कभी अंटी में नहीं रखा रहता।
अंधा बनना : जान-बूझकर किसी बात पर ध्यान न देना।
भाई, तुम्हारी मर्जी है, तुम जान-बूझकर अँधे बन रहे हो।

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