नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

बुधवार, 10 अगस्त 2011

इंटरवल(मध्यांतर)

मतदान समाप्त हो चुका था, मतगणना शुरू थी सभी की निगाहें मतगणना पर पर टिकी थीं, सभी यह जानने को उत्सुक थे कि देश को कौन प्रगति-पथ पर आगे ले जायेगा? वही जिसे हमनें वोट दिया है! या फिर कोई दूसरा! या फिर किसी को भी पूर्ण बहुमत ना मिल पाने की सिथति में मिली-जुली, गठबंधन सरकार बनेगी जो कि पूर्णत: सौदेबाजी पर आधारित होगी व जो कभी भी गिर जाने वाली एक कमजोर सरकार होगी! तब क्या होगा! क्या फिर से चुनाव होंगे! जैसे फिल्मों में इंटरवल होते हैं क्या उसी तरह से हम भी एक छोटे से इंटरवल के बाद फिर से वोट डालने जायेंगे! ..(कृष्ण धर शर्मा,2005)

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