नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

सोमवार, 6 जून 2016

10x10 की जिंदगी


10x10 की जिंदगी भी जिंदगी ही होती है
10x10 में रहनेवालों के भी सपने होते हैं
जैसे कि 100x100 या 1000x1000 में
रहने वालों के होते हैं
10x10 के कमरे में भी
चल जाती है गृहस्थी
बेडरूम किचन और पूजाघर
भी होते हैं 10x10 में
जरा छोटे तो होते हैं आकार में
मगर सुख भरपूर रहता है
फोन करके नहीं ढूंढना पड़ता है
मिल जाते हैं एक ही कमरे में सब
एक-दूसरे की दुःख-तकलीफ और पीड़ा
महसूस और साझा करते हैं
खाने के समय के अलावा भी
दिन में कई बार मिलते हैं आपस में
10x10 में रहनेवाले
कुल मिलाकर अगर यह कहें कि
10x10 में रहने वाले एक शानदार
जीवन जीते हैं 100x100 या
1000x1000 वालों की तुलना में
तो अतिश्योक्ति तो कतई न होगी

                  (कृष्ण धर शर्मा, २०१६)

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