नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

शनिवार, 23 जून 2018

शैतान



किसी शैतान से कहाँ कम होते हैं वह
जो सिखाते हैं अपने बच्चों को नफ़रत करना
किसी और को कुचलते हुए आगे बढ़ना
दूसरों के कंधे पर पैर रखकर ऊपर चढ़ना
औरों के हिस्से की रोटी भी खुद हजम करना
अपनी छोड़ किसी की परवाह न करना
सारा दिन करके गलत काम
शाम को बैठकर माला जपना
                         (कृष्ण धर शर्मा, 22.7.2017)

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