समाज की बात - Samaj Ki Baat
"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
रविवार, 15 फ़रवरी 2009
किताबों में छिपाओ
पत्नी:
हमारे बेटे को पैसे चुराने की लत लग गई है। समझ नहीं आ रहा कहां छिपाऊं।
पति:
किताबों में छिपाओ न, वह उन्हें कभी हाथ नहीं लगाएगा।
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