गुरुवार, 21 जुलाई 2011

राडिया टाटा की बात

भारत के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा पर 2जी स्पैक्ट्रम की जांच की फंदा पड़ा। दरसल कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया से हुई बातचीत सार्वजनिक होने के बाद टाटा को भी लाइसेंस मिलने में गड़बड़ी की आशंका जताई गई। टाटा इन टेपों के सार्वजनिक होने से घबरा गए और कोर्ट का दरवजा खटखटाया कि उनकी बातचीत के टैपों को सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित होने से रोकना चाहिए। हालांकि सरकार ने टाटा को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि वह नीरा राडिया के टेप प्रकाशित हीोने पर रोक नहीं लगा सकती।

राडिया ने टाटा से भी की थी बात
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े व्यावसायिक समूह टाटा ग्रुप को भी दलाल नीरा राडिया की सेवाएं लेने की जरूरत पड़ी थी। इसका खुलासा हुआ है नीरा राडिया के टैप किए गए फोन कॉल्स से। टाटा ने भले ही राडिया के टेप लीक होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हो पर उनकी राडिया से काफी बातें होती रहती थीं। टाटा उनके लिए हर समय उपलब्ध रहते थे।

राडिया और टाटा के बीच हुई बातचीत का अंश-

राडिया- मीडिया में भगदड़ मची है कि रतन टाटा को एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति का अध्यक्ष बनाया जा रहा है।
रतन टाटा- सही है मगर अभी तक कुछ हुआ नहीं है। एयर इंडिया के सीईओ जाधव मिलने जरूर आए थे।
राडिया- जाधव? वही तो प्रफुल्ल पटेल का आदमी है और बोइंग वाला सौदा करने के लिए लाया गया है। इसीलिए ये लोग तुम्हारा नाम इस्तेमाल करना चाहते हैं क्योंकि इससे इनकी साख बनी रहेगी। मेरे पास टाइम्स ऑफ इंडिया से फोन आया था और मैंने कह दिया कि फिलहाल मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगी।
टाटा- सही है जब कुछ हो नहीं जाए तब तक तो यही कहना पड़ेगा। तुम बता रही थी कि प्रफुल्ल ने तो आधिकारिक तौर पर कह दिया है कि रतन टाटा को हम अपने साथ शामिल कर रहे हैं। अच्छा है, उसे खुद बोलने दो।
राडिया- हम तो बस नो कमेंट ही करते रहेंगे। तुम लंदन पहुंच गए क्या?
टाटा- अभी तो तेल अबीब में पड़ा हूं, जहाज दो घंटे लेट है और देखते हैं, कब उड़ता है।
नीरा- तुम्हें तो अपने जहाज में ही उड़ना चाहिए। वैसे भी कल कोई प्रोग्राम है न।
टाटा- लंदन में है जहां मुझे काली टाई यानी एकदम फॉर्मल सूट पहनना पड़ेगा। तुम्हे तो पता है कि मुझे ऎसे कपड़े कितने पसंद हैं।
नीरा- मुझे भी बुला लेते तो मैं अपना काला गाउन पहन सकती थी।
टाटा- अच्छा होता कि तुम ही मेरी जगह काला गाउन पहन कर चली जाती, मगर अब तो बहुत देर हो गई है।
नीरा- मुझे तो अपना काला गाउन पहनने का मौका ही नहीं मिलता, रतन तुम कुछ करो ना।
टाटा- मुंबई में मौका निकालेंगे। वहां तुम अपनी हसरतें पूरी कर लेना। वैसे गाउन रखा कहां है, लंदन में या बॉम्बे में?
नीरा- दिल्ली में मेरे पास रखा है, मैं हमेशा अपने साथ रखती हूं मगर पहनने का मौका ही नहीं मिलता।
टाटा- अब जब तुम हिलेरी क्लिंटन से मिलो या मैं बताऊंगा कि कौन काले गाउन के लिए ठीक रहेगा तब इसको पहनना। तब तक ठीक से रखो।
नीरा- मैं तो तभी पहनूंगी जब अगली तुम काला सूट पहनोगे । मुझे बुलाओगे न? अरे हां, एटी एंड टी ने अनिल अंबानी के साथ सौदा खत्म कर दिया है। हुआ ये कि मुकेश ने अपना अमरीका वाला वकील यह चिटी लिख कर भेजा कि सबसे पहले इनकार करने का अधिकार मुकेश के पास है और उधर से जवाब आया कि अभी वे मामले पर विचार कर रहे हैं। मुकेश अब चाइना पावर से अपनी कंपनी के लिए बिजली की बात कर रहा है।
टाटा- चाइना पावर इस सौदे में शामिल होगा, इस पर मुझे शक है क्योंकि वो लोग काफी पुराने ढंग से सोचते हैं। वैसे भी सुना है कि मुकेश दूसरी पार्टी को दस परसेंट ही दे रखा है। अगर यही सौदा मुकेश के साथ हम कर रहे होते तो वह कभी नहीं करता। उन्हें तो हर चीज पर पूरा कंट्रोल चाहिए। वैसे भी मैं इसमें नहीं पड़ने वाला। मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है।
नीरा- लेकिन फिलहाल तो वो फंसा हुआ है। उसने टेलीकॉम स्पेस ले लिया। एटी एंड टी ने मना कर दिया, एमटीएन ने मना कर दिया, ऑस्ट्रेलिया की टालेस्टा ने मना कर दिया। अब क्यू टेल से बात करने के अलावा और कोई चारा नहीं हैं। और हां, राजा बता रहा था कि अब तुम्हारे लिए भी स्पेक्ट्रम नहीं बचा है। जब कोर्ट का आदेश नहीं मिलेगा और रक्षा मंत्रालय स्पेक्ट्रम खाली नहीं करेगा तब तक अपना काम नहीं बनेगा। यह होना मुश्किल है, मैं आज राजा से मिली थी। वो बड़ा खुश नजर आ रहा था। चीफ जस्टिस के फैसले के बाद तो उसकी खुशी समझ में आती है। जब मैंने उसे बताया कि चिटी और चेक उसके पास आ रहा है तो और खुश हो गया।
टाटा- क्या वो जानता है कि दूसरी पार्टी उसे निपटाने पर तुली है।
नीरा- उसे पता है और वो मीडिया में मुझसे मदद मांग रहा है और मैं मदद कर रही हूं। दिक्कत सिर्फ यह है कि जब भी उसकी मदद करने की कोशिश करो तो वह कहीं भी जा कर कुछ उल्टा सीधा बोल देता है। उसका अपनी जुबान पर काबू ही नहीं है। अब सबसे नई खबर यह है कि कनिमोझी और राजा का चक्कर चल रहा है।
टाटा- सही है क्या?
नीरा- एकदम नहीं। कोरी अफवाह है। वो तो राजा मीडिया के सामने कनिमोझी के बारे में बड़ी प्यार भरी बातें करता है और इसीलिए सारा लफड़ा खड़ा हो जाता है। राजा की बातों से लगता है कि वो कनिमोझी को प्यार करता है और कनिमोझी उसे भाव नहीं देती। कनिमोझी मुझे कहती है कि मुझे राजा से बचाओ। राजा की आंखों में साफ नजर आता है कि वो कनिमोझी का दीवाना है। एक बात और, मेरी नई जगुआर कार शनिवार को आ रही है।
टाटा- मुबारक हो।
राडिया- तुम मिडिल ईस्ट में कहीं हो रतन?
टाटा- हां, मैं इजराइल में हूं।
नीरा- बजट तो अच्छा आ गया। ग्रामीण विकास का ध्यान रखा गया हैं।
टाटा- मैंने तो खैर किसी को कोई सलाह नहीं दी है। मुझे लगता है कि मेरी सबसे बड़ी चिंता यह है कि दयानिधि मारन ए राजा के पीछे सारे हथियार ले कर पड़ गया है और मैं उम्मीद ही कर सकता हूं कि राजा टिका रहेगा। फिसलने के बहुत चांसेज हैं।
नीरा- नहीं फिसलेगा। अभी जब खबर आई थी कि एक केंद्रीय मंत्री ने मद्रास उच्च न्यायालय के एक जज को एक फैसले में बदलाव करने के लिए फोन किया था तो मारन ने राजा का सीधे नाम लिया था।
टाटा- ऎसा क्या?
नीरा- भारत के चीफ जस्टिस ने बयान जारी किया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी कहा कि किसी मंत्री का कोई फोन किसी जज के पास नहीं आया था। इसमें तो मारन की खुद की इज्जत खराब हुई। उसे लोग बेवकूफ समझने लगे।
टाटा- ऎसा तो होगा ही। चाहे जो हो अगर कुछ हुआ होता तो इससे कनिमोझी का फायदा होता और मारन को कुछ नहीं मिलने वाला था। वैसे भी बाल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने खुली अदालत में सच और झूठ का फैसला कर दिया गया।
नीरा- अब तो टेलीकॉम युद्व के दूसरे सत्र की लड़ाई शुरू हो गई और पता नहीं कितने युद्ध और होंगे।
टाटा- मुझे तो राजा पर हैरत हो रही है कि तुमने उसके लिए इतना किया, उसे कुर्सी पर बैठाया मगर वही तुम्हारे साथ खेल कर रहा है।
नीरा- मैंने कनि से बात की थी। मै उससे कल मिली थी और हम लोग साथ ही लौटे थे। मैंने कहा था कनि, देख लो क्या हो रहा है? राजा क्या कर रहा है? कनि ने कहा था कि वो राजा से बात कर के अपना रवैया ठीक करने के लिए कहेगी। इसके बाद मेरी राजा से बात हुई और उसने साफ साफ कहा कि नीरा तुम्ही बताओ कि मैं अदालत के फैसले के खिलाफ कैसे जाऊं? मैंने कहा कि मिस्टर राजा तुम अदालत के खिलाफ जा सकते हो। लाइसेंस के कागज में जो लिखा है उसे मानो तो कोर्ट को कोई दिक्कत नहीं होने वाली। आखिर चार चार मेगाहर्ट्स सबको देने की बात है। अब पता नहीं तुम्हारी समझ में आता है या नहीं।
टाटा- मगर अब यह नया एटॉर्नी जनरल या जो भी आया है....
नीरा- नहीं रतन, ये तो अच्छा ही हुआ है। मैं बताती हूं क्यों। वे बेचारा तो सिर्फ संवैधानिक मामलों से निपटेगा। सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम अच्छा आदमी हैं। मैंने स्विमिंग पूल में उसके साथ क्या किया था, मैं बता चुकी हूं। उसे ही सही मामलों में परिभाषा करनी है और मैं उससे मिलने जा रही हूं। फोन पर बात हुई थी और साढ़े पांच छह बजे फिर फोन करने के लिए कहा था। मैं तो घर पर मिलती हूं। वैसे भी वो अनिल अंबानी से नफरत करता है और उनकी नहीं मानेगा। बहुत कड़क आदमी है। राजा भी उसे ही लाने की सोच रहा है। कल राजा जब पीएम से थ्री जी की बात कर रहा था तो उसने भी यह कहा था कि यह मामला जीओएम को देने की बजाय कैबिनेट नोट बना दिया जाए। ये जल्दी करना पड़ेगा क्योंकि अनिल को 6.25 मेगाहर्ट्स देने के बाद राजा खुद एटी एंड टी को अपने शेयर बेचने वाला है, बातचीत चल रही है।
टाटा- तो ये खेल है।
नीरा- राजा को कहीं न कहीं से शेयर खरीदने वाले चाहिए वरना उसके पहले के कर्जे भी डूब जाएंगे। जब तक वो फैसला नहीं जुगाड़ता, उसका अपना धंधा चौपट हो जाएगा। [साभार पत्रिका]

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