मंगलवार, 9 अगस्त 2011

अगर हम पंछी होते

अगर हम पंछी होते
तो कितना अच्छा होता
हर तरफ खुशियां होतीं
न दुख हमें कोई होता
आसमान में उड़ते होते
जहां ना कोई ट्रैफिक होता
दिन भर घूमते फिरते रहते
हमें ना कोई टेंशन होता
न होमवर्क का प्रेशर होता
न एग्जाम का झंझट होता
अगर हम पंछी होते
तो कितना अच्छा होता
बस खाते-पीते
और खेलते रहते
काम से हमे ना
कोई मतलब होता
सोचो कितना अच्छा होता
अगर हम पंछी होते
तो कितना अच्छा होता.(कृष्ण धर शर्मा,2010)

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