मतदान समाप्त हो चुका था, मतगणना शुरू थी सभी की निगाहें मतगणना पर पर टिकी थीं, सभी यह जानने को उत्सुक थे कि देश को कौन प्रगति-पथ पर आगे ले जायेगा? वही जिसे हमनें वोट दिया है! या फिर कोई दूसरा! या फिर किसी को भी पूर्ण बहुमत ना मिल पाने की सिथति में मिली-जुली, गठबंधन सरकार बनेगी जो कि पूर्णत: सौदेबाजी पर आधारित होगी व जो कभी भी गिर जाने वाली एक कमजोर सरकार होगी! तब क्या होगा! क्या फिर से चुनाव होंगे! जैसे फिल्मों में इंटरवल होते हैं क्या उसी तरह से हम भी एक छोटे से इंटरवल के बाद फिर से वोट डालने जायेंगे! ..(कृष्ण धर शर्मा,2005)
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