समाज की बात - Samaj Ki Baat
"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
बुधवार, 19 अक्टूबर 2011
चश्मा लगने के बाद मै पढ़ तो पाउँगा ना?
संता [डॉक्टर बंता से] - डॉक्टर साहब! चश्मा लगने के बाद मै पढ़ तो पाउँगा ना?
डॉक्टर बंता - हाँ भाई जरूर पढ़ पाओगे.
संता - तब ठीक है, वर्ना अनपढ़ आदमी की जिंदगी भी कोई जिंदगी है क्या!
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