रविवार, 13 नवंबर 2011

मुहावरे (घ)

घंटा दिखाना : आवेदक या याचक को कोई वस्तु न देना, उसे निराश कर देना.

घट-घट में बसना : हर एक मनुष्य के हृदय में रहना.

घड़ियाँ गिनना : बहुत उत्कंठा के साथ प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना.

घड़ों पानी पड़ना : दूसरों के सामने हीन सिद्ध होने पर अत्यंत लज्जित होना.

घपले में पड़ना : किसी काम का खटाई में पड़ना.

घमंड में चूर होना : अत्यधिक अभिमान होना.

घर करना : बसना, रहना, निवास करना, जमना, बैठना.

घर का न घाट का : बेकाम, निकम्मा.

घर फूंककर तमाशा देखना : घर की दौलत उड़ाकर मौज करना.

घर में भूंजी भाँग न होना : घर में कुछ धन-दौलत न होना, अकिंचन होना, अत्यंत निर्धन होना.

घाट-घाट का पानी पीना : अनेक स्थलों का अनुभव प्राप्त करना. देश-देशान्तर के लोगों की जीवनचर्या की जानकारी प्राप्त करना.

घात में रहना : किसी को हानि पहुँचाने के लिए अनुकूल अवसर ढूँढते फिरना.

घाव पर नमक छिड़कना : दुख पर दुख देना, दुखी व्यक्ति को और यंत्रणा देना.

घाव पर मरहम रखना : सांत्वना देना, तसल्ली बंधाना.

घाव हरा होना : भूला हुआ दुख फिर याद आ जाना.

घास न डालना : प्रोत्साहन न देना, सहायता न करना.

घिग्घी बँध जाना : भय, क्षोभ या अन्य किसी संवेग के कारण मुंह से बोली न निकलना, कण्ठावरोध होना.

घी का चिराग जलाना : कार्य सिद्ध होने पर आनंद मनाना, प्रसन्न होना.

घी-खिचड़ी होना : आपस में अत्यधिक मेल होना.

घुट-घुट कर मरना : पानी या हवा के न मिलने से असह्य कष्ट भोगते हुए मरना.

घुटा हुआ : बहुत चालाक, धूर्त, छंटा हुआ बदमाश.

घुन लगना : शरीर का अंदर-अंदर क्षीण होना, चिंता होना.

घुल-मिल जाना : एक हो जाना.

घूंघट का पट खोलना : अज्ञान का परदा दूर करना.

घोड़ा बेंचकर सोना : खूब निश्चिंत होकर सोना.

घोलकर पी जाना : किसी चीज का अस्तित्व न रहने देना.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें