"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
सोमवार, 26 दिसंबर 2011
ले भाई अपने पांच हजार रुपये
संता और बंता एक जंगल से गुजर रहे थे। अचानक सामने से बंदूकधारी डाकुओं ने उन्हें घेर लिया। बंता ने फौरन अपना बटुआ निकाला और रकम निकालकर संता को देते हुए बोला- ले भाई अपने पांच हजार रुपये जो तूने मुझे उधार दिए थे।
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