एक बार एक बुढ़िया मर गई तो उसकी बेटी जोर-जोर से रोने लगी और बोली,
अम्मा कहाँ गई तू !
जहाँ ना धूप ना छाँव
ना रोटी ना सब्जी
ना बिजली ना पानी
साथ में संता-बंता भी शोक मनाने गए हुए थे. संता ने साथ ही बैठे बंता से कहा " अबे देख तो कहीं बुढ़िया गलती से हमारे घर तो नहीं चली गई !!!!
अम्मा कहाँ गई तू !
जहाँ ना धूप ना छाँव
ना रोटी ना सब्जी
ना बिजली ना पानी
साथ में संता-बंता भी शोक मनाने गए हुए थे. संता ने साथ ही बैठे बंता से कहा " अबे देख तो कहीं बुढ़िया गलती से हमारे घर तो नहीं चली गई !!!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें