आंधी हो या तूफ़ान हो
भ्रष्ट हो या बेईमान हो
चाहे वह रिश्वतखोर हो
या फिर कोई चोर हो
हमें बचाना है इनसे
अपने प्यारे भारत को
करनी है अब हमें सफाई
मार भगाना है इनको
बहुत हो गया जंगलराज
अब तो लाना है स्वराज
राजे-महराजों को भगाओ
अब तो करेगी जनता राज
बहुत चल चुके पीछे-पीछे
अब तो चलेंगे हम आगे
आओ मिलकर करें उपाय
भारत से बेकारी भागे
अब तो हमको भारत का
खोया सम्मान लौटना है
फिर से अपने देश को हमको
नंबर वन पर लाना है.
(कृष्ण धर शर्मा, २०१३)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें