शनिवार, 30 अगस्त 2014

नींद मे पेशाब

सुबह :-  खजूर 2-3 रात में भिगोया और सुबह में चबा चबाकर खाना   
प्रात: का भोजन :-  दाल में रार्इ की छौंक खाना 
रात मे :-  खजूर + मुनक्का + शहद के साथ
पथ्य :-  तेल से मूत्र के स्थान और पेट पर मालिश, पुराना चावल, उड़द, परवल, कुम्हड़ा की सब्जी, हरड़, नारियल, सुपारी, खजूर रात मे सोने से पहले पेशाब जायें, पानी सोते समय कम पियें   
अपथ्य :-  मिर्च, मसालेदार, भोजन, पेशाब रोकना।  
रोग मुक्ति के लिये आवश्यक नियम  :  
पानी के सामान्य नियम :  
) सुबह बिना मंजन/कुल्ला किये दो गिलास गुनगुना पानी पिएं
) पानी हमेशा बैठकर घूँट-घूँट कर के पियें  
) भोजन करते समय एक घूँट से अधिक पानी कदापि ना पियें, भोजन समाप्त होने के डेढ़ घण्टे बाद पानी अवश्य पियें  
) पानी हमेशा गुनगुना या सादा ही पियें (ठंडा पानी का प्रयोग कभी भी ना करें।   
भोजन के सामान्य नियम :  
) सूर्योदय के दो घंटे के अंदर सुबह का भोजन और सूर्यास्त के एक घंटे पहले का भोजन अवश्य कर लें  
) यदि दोपहर को भूख लगे तो १२ से बीच में अल्पाहार कर लें, उदाहरण - मूंग की खिचड़ी, सलाद, फल और छांछ  
) सुबह दही फल दोपहर को छांछ और सूर्यास्त के पश्चात दूध हितकर है  
) भोजन अच्छी तरह चबाकर खाएं और दिन में बार से अधिक ना खाएं    
अन्य आवश्यक नियम :  
) मिट्टी के बर्तन/हांडी मे बनाया भोजन स्वस्थ्य के लिये सर्वश्रेष्ठ है  
) किसी भी प्रकार का रिफाइंड तेल और सोयाबीन, कपास, सूर्यमुखी, पाम, राईस ब्रॉन और वनस्पति घी का प्रयोग विषतुल्य है उसके स्थान पर मूंगफली, तिल, सरसो नारियल के घानी वाले तेल का ही प्रयोग करें   
) चीनी/शक्कर का प्रयोग ना करें, उसके स्थान पर गुड़ या धागे वाली मिश्री (खड़ी शक्कर) का प्रयोग करें  
) आयोडीन युक्त नमक से नपुंसकता होती है इसलिए उसके स्थान पर सेंधा नमक या ढेले वाले नमक प्रयोग करें  
) मैदे का प्रयोग शरीर के लिये हानिकारक है इसलिए इसका प्रयोग ना करें

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