पेड़, खंबे, खेत, पहाड़ और स्टेशन
छूटते जाते हैं सब यात्रा में
पर साथ चलते जाते हैं
आसमान, तारे, बादल, रेल की पटरी
और पीछे छूट गये लोगों की याद
(कृष्ण धर शर्मा, २०१३)
छूटते जाते हैं सब यात्रा में
पर साथ चलते जाते हैं
आसमान, तारे, बादल, रेल की पटरी
और पीछे छूट गये लोगों की याद
(कृष्ण धर शर्मा, २०१३)
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