महात्मा गांधी की आत्मकथा का नाम "सत्य के प्रयोग" है, जो उनकी जीवनयात्रा का एक विस्तृत विवरण है, जिसमें उन्होंने सत्य, अहिंसा और ईश्वर को अपने जीवन का केंद्र बनाया। यह पुस्तक उनके बचपन के अनुभवों से शुरू होकर दक्षिण अफ्रीका में संघर्ष, भारत में सत्याग्रह आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम तक उनकी यात्रा का वर्णन करती है। इसमें उनके व्यक्तिगत सुधारों, प्रारंभिक भूलों, और उन पर विजय पाने के संघर्षों का भी उल्लेख है, जो सत्य की खोज में हुए प्रयोगों को दर्शाते हैं।
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