रविवार, 29 जुलाई 2018

अग्निगर्भा-अमृतलाल नागर

 "किसी प्राचीन गढ़ी के खण्डहरों के किनारे-किनारे खलार की धरती में लगभग पचास-साठ घरों की बस्ती भले ही दिल्ली, बम्बई, कलकत्ते जैसी न चमके पर अपने जीवन के अस्तित्व से अवश्य ही देदीप्यमान है।" (अग्निगर्भा-अमृतलाल नागर)


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