मंगलवार, 7 मई 2019

मेजर संजय चतुर्वेदी -51 किताबें ग़ज़लों की- नीरज गोस्वामी

"घर के चौकीदार हुए दादा-दादी 

सब के पहरेदार हुए दादा-दादी 

कौन ख़रीदे नहीं रहे पढ़ने वाले 

उर्दू के अख़बार हुए दादा-दादी 

घर में उनका नहीं रहा हिस्सा कोई 

कपड़ों वाला तार हुए दादा-दादी"

मेजर संजय चतुर्वेदी  (51 किताबें ग़ज़लों की- नीरज गोस्वामी) 



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Samajkibaat समाज की बात

 


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