बुधवार, 24 जुलाई 2019

विकल्प!


हमें दो विकल्प दिए गए
पहला शांति और आनंद भरा जीवन
जिसमें हम जी सकते थे औरों के साथ
हँसते-मुस्कुराते सुख-दुःख बांटते
एक खुशहाल जीवन
जिसमें होता आपसी भाईचारा
सौहार्द्र और प्रेम-विश्वास
दूसरा औरों के काल्पनिक डर से
अपनी सुरक्षा के लिए
स्वयं हथियारबंद हो जाना
हर वक्त दूसरों से
खतरा महसूसते हुए
स्वयं को और अधिक
ताकतवर बनाना
इसी कोशिश में एक डरावने
और अविश्वासी माहौल में ही
जीवन गुजार देना
हालाँकि हमें चुनना तो था
पहला ही विकल्प
मगर शंकाओं और कुटिलताओं
भरे समय ने
मजबूर कर दिया हमें
दूसरा विकल्प चुनने को
हैरत भी नहीं हुई हमें
जब पहला विकल्प
किसी ने नहीं चुना...
       (कृष्ण धर शर्मा, 04.10.2018)

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