मंगलवार, 31 मार्च 2020

सच्चा पत्रकार

कालोनी के 2 बच्चों में खेलते-खेलते किसी बात पर लड़ाई हुई जो बाद में उनकी माओं तक पहुँच गई जिसमें दोनों तरफ से एक-दूसरे के खानदानों की दिलचस्प व्याख्या की गई. कालोनी में ही निवास करने वाले एक महान पत्रकार द्वारा इसकी रिपोर्टिंग भी कर ली गई. अगले दिन अख़बार के सिटी पेज पर इस लड़ाई की विस्तृत रिपोर्ट छपी थी जिसका शीर्षक था “सवर्णों द्वारा दलितों पर अत्याचार”. रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे आज के ज़माने में भी सवर्ण लोग दलितों पर अत्याचार करने से चूकते.
यह खबर पढ़कर दलित परिवार के मुखिया उन महान पत्रकार के पास पहुंचे और उन्हें लताड़ते हुए बोले “अरे पत्रकार महोदय! बच्चों के एक छोटे से आपसी झगडे को तुमने यह क्या रंग दे दिया!” 
पत्रकार महोदय बोले “आपको यह सिर्फ छोटा सा झगडा लगता है! अरे यह आप और आपके परिवार पर एक सवर्ण परिवार का जुल्म है, अन्याय है.”
दलित परिवार के मुखिया ने कहा “अरे भाई! तुमने बेवजह ही बच्चों के आपसी झगडे को सवर्ण-दलित झगडे में बदल दिया! हम दोनों परिवार पढ़े-लिखे और सुलझे हुए हैं. हम इन बेवकूफी भरी बातों पर यकीन नहीं करते हैं.”
महान पत्रकार ने कहा “आपको भले ही अपने परिवार और समाज की चिंता न हो, मगर हमें है. हम सच्चे पत्रकार हैं, हम आपके परिवार और आपके समाज के ऊपर यह जुल्म नहीं होने देंगे. हम यह बात सारी दुनिया तक पहुंचाएंगे.”
दलित परिवार के मुखिया उस महान और सच्चे पत्रकार का मुंह देखते खड़े रह गए....
     कृष्ण धर शर्मा 19.8.2019  

समाज की बात
समाजकीबात
Samaj ki baat
samajkibaat

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें