"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
शनिवार, 15 अगस्त 2020
धरती माँ
धरती
माँ ओ धरती माँ तुम
हो कितनी अच्छी माँ बिन
मांगे ही सबकुछ देती तुम
हो कितनी सच्ची माँ भेदभाव
तुम ना कर पाती सब
बच्चों की प्यारी माँ अच्छे-बुरे
सभी को सेती तुम
हो सबसे न्यारी माँ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें