शनिवार, 15 अगस्त 2020

प्रकृति की गोद में

पहाड़ों पर उतरे हैं बादल
पूछने या बताने!
एक-दूसरे का हाल-चाल
या शायद दोनों ही!
मैं भी तो आखिर भाग ही आया
घबराकर कांक्रीट के जंगलों से
प्रकृति की गोद में
नया ठिकाना है अब मेरा
पेड़ों, पहाड़ों और बादलों के बीच
जहाँ पर महसूस कर पाता हूँ
मैं खुद को और जीवन को भी

             (कृष्ण धर शर्मा, 12.08.2015)

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