"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
हमें भरोसा ए नाज़ बहुत था अपनी वफ़ा पे
यकीं उनको भी था अपनी बेवफाई पर बहुत
कृष्णधर शर्मा 30.5.22
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें