शुक्रवार, 3 नवंबर 2023

हमारी बिसात ही फिर क्या

 

गिर जाते हैं भरभरा कर एक झटके में पुल बड़े-बड़े

नींव भी तो नहीं है हमारी बिसात ही फिर क्या

                         कृष्णधर शर्मा 02.11.23

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