गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024

यही तो है दिवाली

जब घर हो साफ-सुथरा

और मन भी हो निर्मल

स्वच्छता हो चारों ओर

हवा भी हो शीतल

अपना भी घर जगमग हो

दूसरों के घर भी अंधेरा न रहे

हम भी मुस्कुराएं और

दूसरों को भी मुस्कुराने दें

अपने अलावा भी किसी

और का घर जगमगाने दें

हम भी खाएं और दूसरों का

पेट भी न रहे खाली

यही तो त्योहारों का आनंद है

यही तो है दिवाली 

               कृष्णधर शर्मा 31.10.24

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