समाज की बात - Samaj Ki Baat
"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
शुक्रवार, 15 जुलाई 2011
गन्ना
चींटू –
दादी, गन्ना खाओगी?
दादी-
मैं नहीं खा सकती, मेरे दांत नहीं हैं.
चींटू –
तो फिर मेरा यह गन्ना रखो, मैं खेलने जा रहा हूं. आकर खाऊंगा
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