समाज की बात - Samaj Ki Baat
"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
शुक्रवार, 15 जुलाई 2011
प्रेम की परिभाषा
प्रेमी
: ‘प्रिये, तुम्हारी सुंदरता, तुम्हारी सरलता और सादगी हमारे प्रेम को कितना वास्तविक बनाते हैं.
प्रेमिका
: ‘हां, प्रिये तुम्हारी संपत्ति और तुम्हारा बैंक बैलेंस भी इसमें पूरा सहयोग देते हैं.
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