मैंने जब से अपने
बंद कमरे की दीवार में
एक खिड़की बनवाई है
मेरे कमरे में चांद और सूरज
आने लगे हैं
तारे भी जगमगाने लगे हैं
पहले क्यों नहीं आते थे!
यह मेरी समझ में
अब आ रहा है
कि किसी के आने के लिये
किसी रास्ते का
होना भी जरूरी है
और उससे भी जरूरी है
उस रास्ते का खुला होना
क्योंकि
कोई आना भी चाहे तो
हमनें ही बंद कर रखे है
सारे रास्ते
ऐसे में दरवाजे तक आकर
लौट जाने वालों की
गलती कहां से मानी जाये! .(कृष्ण धर शर्मा,2008)
बंद कमरे की दीवार में
एक खिड़की बनवाई है
मेरे कमरे में चांद और सूरज
आने लगे हैं
तारे भी जगमगाने लगे हैं
पहले क्यों नहीं आते थे!
यह मेरी समझ में
अब आ रहा है
कि किसी के आने के लिये
किसी रास्ते का
होना भी जरूरी है
और उससे भी जरूरी है
उस रास्ते का खुला होना
क्योंकि
कोई आना भी चाहे तो
हमनें ही बंद कर रखे है
सारे रास्ते
ऐसे में दरवाजे तक आकर
लौट जाने वालों की
गलती कहां से मानी जाये! .(कृष्ण धर शर्मा,2008)
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