"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
न खुलकर मैं तुम्हें मोहब्बत कर पाया
न खुलकर तुम मेरे जनाजे में रो पाए
कृष्णधर शर्मा 20.10.16
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