"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
शुक्रवार, 5 जनवरी 2018
प्रतिज्ञा
"दाननाथ सरल स्वभाव के मनुष्य थे। जीवन के सरलतम मार्ग पर चलने में ही वह संतुष्ट थे। किसी सिद्धान्त या आदर्श के लिए कष्ट सहना उन्होंने न सीखा था" (प्रतिज्ञा-मुंशी प्रेमचंद)
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