शुक्रवार, 25 मई 2018

मंत्री को जुकाम- गिरीश पंकज

 "नेता ने ठहाका लगाया, " बस इत्ती सी बात ! अभी वापस लेते हैं अपील। पागल हैं हमारे कार्यकर्ता। अरे, हमारी जो करतूतें हैं, वह सिर्फ हमारे लिए हैं। हम चाहते हैं कि हमारे कार्यकर्ता मौलिक करतूतें विकसित करें। अब जैसा हमने देश को बताया कि तंदूर जो है वो सिर्फ रोटी बनाने के काम में नहीं आता, उसमें औरत की बोटी-बोटी काट कर भी डाला जा सकता है। हत्या के क्षेत्र में यह अभिनव प्रयोग है। नयी पीढ़ी इसी तरह का कुछ नया करे। हमारे आदर्शों पर न चलकर वह खुद अपने आदर्श गढ़े।" (मंत्री को जुकाम- गिरीश पंकज)




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