किसी
शैतान से कहाँ कम होते हैं वह
जो
सिखाते हैं अपने बच्चों को नफ़रत करना
किसी
और को कुचलते हुए आगे बढ़ना
दूसरों
के कंधे पर पैर रखकर ऊपर चढ़ना
औरों
के हिस्से की रोटी भी खुद हजम करना
अपनी
छोड़ किसी की परवाह न करना
सारा
दिन करके गलत काम
शाम
को बैठकर माला जपना
(कृष्ण
धर शर्मा, 22.7.2017)
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