मंगलवार, 3 मार्च 2020

गांधी के सपनों का भारत-महेश प्रसाद सिंह

 "गांधी महराज के धनि औ दीन शिष्य अनेक  

पर एक ऐसी बात है जिसमें सभी हैं एक    

हम पेट के हित दीन-पीड़न में नहीं अभ्यस्त   

झुकते न धनियों से कभी न होते भय से त्रस्त" 

-रवींद्रनाथ टैगोर (गांधी के सपनों का भारत-महेश प्रसाद सिंह)



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