रविवार, 24 अप्रैल 2022

'फन एंड लर्न' के कांसेप्ट पर आधारित शिक्षा प्रणाली है 'जौली फोनिक’, जानिये इसके बारे में विस्‍तार से

 प्री स्कूल स्तर पर छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए पूरी दुनिया में 'फन एंड लर्न' के कांसेप्ट पर आधारित शिक्षा प्रणाली 'जौली फोनिक' लोकप्रिय हो रही है। 

इंदौर स्थित यू.सी.किंडीज स्कूल 'जौली फोनिक' विशेषज्ञ स्कूल है। इस स्कूल की सेवाएं पिछले 2 साल से इंदौर शहर के गोपुर कॉलोनी पर भी उपलब्ध हो रही है। 

क्या है 'जौली फोनिक' ?

गोपुर कॉलोनी स्थित की डायरेक्टर मीता बाफना के अनुसार 'जौली फोनिक' को एक प्रकार से ऐसी शिक्षा पद्धति कहा जा सकता है जिसमें 2 साल से 7 साल के बच्चों को फ्लैश कार्ड, साउंड और बॉडी एक्शन के माध्यम से बोलना एवं पढऩा सिखाया है। उदाहरण के तौर पर टीचर जब 'बी' अल्फाबेट दिखाती है तो साथ में उसका साउंड 'ब' भी एक्शन के साथ बताती है, इससे बच्चे बहुत सारे शब्द पढऩा एवं बोलना खेल-खेल में सीख जाते हैं। '

जौली फोनिक' विशेषज्ञ स्कूल है 

'यू.सी.किंडीज' इंदौर स्थित 'यू.सी.किंडीज' स्कूल जौली फोनिक' विशेषज्ञ स्कूल है। यूसी किंडीज यूसी इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन का एक हिस्सा है। यह 5 देशों - भारत, मिस्त्र, चीन, मलेशिया और ईरान में वैश्विक उपस्थिति के साथ एक अंतराष्ट्रीय प्रीस्कूल है। 'यू.सी.किंडीज' स्कूल की सेवाएं पिछले 2 साल से इंदौर शहर की गोपुर कॉलोनी पर भी उपलब्ध हो रही है। गोपुर कॉलोनी वाली 'यू.सी.किंडीज' की खासियत गोपुर कॉलोनी वाली 'यू.सी.किंडीज' की खासियत की बात करें तो पाएंगे कि यहां बच्चों को सामान्य एबीसीडी की शिक्षा देने की बजाय बच्चों को जौली फोनिक के माध्यम से अक्षर ज्ञान दिया जाता है। यहां आर्ट और साइंस को विशेष तरीके से रूबरू करवाया जाता है जिससे बच्चे प्रैक्टिकल लर्निंग करते हैं। यहां बच्चों के मानसिक और शारीरिक सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां बच्चों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं। सभी शिक्षकों ने अपना कोविड वैक्सीनेशन करवा लिया है। इस स्कूल की डायरेक्टर मीता बाफना सुनिश्चित करती हैं कि बच्चों को सुरक्षात्मक माहौल के साथ बिना किसी मानसिक तनाव के आनंदमयी तरीके से अक्षर ज्ञान दिया जाए। 

नवोदित शेखावत  

साभार- नई दुनिया 

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