"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
इतना भी क्यों मगरूर है तू ऐ इंसान
के दरख्त भी अपनी छाँव पे पहरा नहीं लगाते
कृष्णधर शर्मा 12.08.22
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