सोमवार, 15 अगस्त 2022

आजादी

तिरंगा फहराने और जयहिन्द बोलने जितनी

आसान नहीं थी देश की आजादी

बहुत बड़ी कीमत चुकाई गई थी

आजादी पाने के लिए

घर-बार और अपनी जान से भी

हाथ धोना पड़ा था लाखों लोगों को

आजादी के दीवानों ने कितने ही जुल्म

और कितनी ही यातनाएं झेली थी

तब जाकर आजादी नसीब हुई थी हमें

जिसे आज कौडियों के भाव बेचने की

साजिशें की जा रही हैं....

         (कृष्णधर शर्मा 15.8.2022)

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