मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

नया बहेलिया

बहेलिया जाल बिछाता है

उसमें दाने फैलाता है

पंछी उस दाने के लालच में

जाल में फंस जाता है

आप कहेंगे इसमें नया क्या है!

इसमें नयी बात यह है कि

जो नया बहेलिया आया है

उसने भी वही जाल बिछाया है

वही दाने फैलाया है

मगर इसे बहेलिये का हुनर ही कहेंगे

जो पंछी उसके जाल में फंसता है

वह कुछ सोच-समझ ही नहीं पाता है

इसलिए वह बहेलिये का ही गुण गाता है

              (कृष्णधर शर्मा 13.12.2022)


#साहित्य_की_सोहबत  #पढ़ेंगे_तो_सीखेंगे

#हिंदीसाहित्य  #साहित्य  #कृष्णधरशर्मा

Samajkibaat समाज की बात


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें