समाज की बात - Samaj Ki Baat
"जिंदगी ख़ूबसूरत है, बस जीना आना चाहिए" *कृष्णधर शर्मा*
शुक्रवार, 30 नवंबर 2018
तालाब याद आये
हमने तालाबों को
पाट-पाटकर
बड़े-बड़े आलीशान
घर बनाये
घरों में सुख-सुविधा के
तमाम उपकरण लगाये
मगर जब नहीं मिला
पानी गुजर-बसर के लिए
तब हमें वही
पाटे हुए तालाब
बहुत-बहुत याद आये
(कृष्ण धर शर्मा, 16.05
.201
8)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें