नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

गुरुवार, 21 जुलाई 2011

कर्नाटक का जमीन घोटाला

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येडि्डयूरप्पा भी इस साल जमीन घोटाले को लेकर आरोपों में घिरे। हालांकि, घोटाले में फंसने के बाद उनकी कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा टल गया और आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें सीएम पद पर बनाए रखने का फैसला लिया।

येडि्डयूरप्पा ने सरकारी प्लॉट पर हेरफेर करके अपने बेटों और बहुओं को उनके रियल एस्टेट व्यापार के लिए दे दिए थे। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री येडि्डयूरप्पा ने दुबई के एक उद्योगपति के अनुरोध पर 11.25 एकड़ सरकारी जमीन कथित तौर पर डीनोटिफाई करवाई। इस उद्योगपति की येडि्डयूरप्पा के बेटे की रियल एस्टेट फर्म में भागीदारी है। डिनोटिफिकेशन के एक महीने बाद ही नई कंपनियां खोली गईं।

विपक्ष के हमले तेज होने के बाद येडि्डयूरप्पा ने कहा था कि अगर विपक्ष को एतराज न हो तो वह सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज से पिछले दस साल के भूमि डीनोटिफिकेशन और आवंटन की जांच कराने को तैयार हैं। येडि्डयूरप्पा ने स्वीकार किया था कि उन्होंने अपने बेटों को प्लॉट आवंटित किए। बाद में येडि्ड ने अपने बेटे बी. वाई विजेंद्र और बेटी उमादेवी से तुरंत सरकारी आवास खाली करने का फरमान दे दिया था। [साभार पत्रिका]

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