वर्ष 2020 के मध्य तक भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा ऐसा अनुमान है। वर्ष 2060 में भारत की जनसंख्या 1.65 अरब होने का आकलन भी किया गया है और इस शिखर तक पहुंचने के बाद संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि भारत की जनसंख्या में गिरावट आने लगेगी।
कई रिपोट्र्स 2050 तकभारत की जनसंख्या के स्थिर होने और 2060 के बाद उसमें गिरावट का अनुमान लगा रहा है। भारत की जनसंख्या वृद्धि दर बीते कुछ दशकों में कम हुई है मगर जितनी अधिक जनसंख्या भारत में है वह अभी भी दुनिया के कई देशों की तुलना में ज्यादा है।
अनुमान है कि भारत 2050 तक दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। जनसंख्या पर नियंत्रण भी पाया जून 2019 में जारी संयुक्त राष्ट्र के 'वर्ल्ड पापुलेशन प्रॉस्पैक्ट्स 2019' के अनुसार एक दशक से भी कम समय में भारत चीन को पीछे छोड़ देगा, किंतु जबसे संयुक्त राष्ट्र ने यह जनसंख्या संबंधी अनुमान लगाना शुरू किया है तबसे अब तक 2011 में भारत की जनसंख्या वृद्धि दर सबसे कम रही है।
2001 से 2011 तक तक भारत की जनसंख्या दर में गिरावट आई है। 1991 से 2001 तक यह 21.5 प्रतिशत रही थी तो 2001 से 2011 तक 17.7 प्रतिशत पर आ गई। भारत के 24 राज्यों औरकेंद्र शासित प्रदेशों ने जनसंख्या नियंत्रण में अच्छा प्रदर्शन किया है और यह इस बूते ही संभव हुआ है कि महिलाओं को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें वर्ष 2000 में बनी राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की भी अहम भूमिका रही है।
जनसंख्या वृद्धि दर इस तरह हुई कम
भारत की कुल जनसंख्या वृद्धि दर लगातार कम हुई है। कभी 1971 में एक स्त्री द्वारा औसतन 5.2 बच्चों को जन्म दिया जा रहा था। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में यह दर लगातार कम हुई है। भारत प्रति स्त्री द्वारा 2.1 की संतोषजनक जन्म दर को अगले पांच वर्षों में प्राप्त कर सकता है। तब करीब-करीब 'यह हम दो हमारे दो' की स्थिति हो जाएगी।
2100 में देश में आधी आबादी को सहारे की जरूरत होगी संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड पापुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स के अनुसार वर्ष 1950 में भारत में प्रति 100 व्यक्तियों पर 6.4 बुजुर्ग थे। इस सदी के पूरा होने तक यानी 2100 में भारत में प्रति 100 व्यक्तियों में से 49.9 लोग ऐसे होंगे जो बुजुर्गावस्था में होंगे और उन्हें सहारे की जरूरत होगी। तब जितने लोग कामकाजी होंगे उतनी ही आबादी ऐसी भी होगी जिसे देखभालकी जरूरत होगी।
साभार- नयी दुनिया