नमस्कार,आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757
शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012
मेडल किसलिए मिला ?
संता : तुम्हे यह बड़ा मेडल किसलिए मिला ?
बंता : गाना गाने के लिए.
संता : और यह छोटा मेडल ?
बंता : गाना बंद करने के लिए … !!!
बाप ही तो है ना
संता अपने बाप के सामने सिगरेट पी रहा था.
संता का दोस्त : ओए, पापा के सामने सिगरेट …. ?
संता : बाप ही तो है ना, कोई पेट्रोल पम्प थोड़े ही हैं … !!!
इसीलिए तो उसे स्वर्ग कहते हैं
पत्नी – सुना है स्वर्ग में पति-पत्नी को साथ नहीं रहने देते ?
पति – हां । इसीलिए तो उसे स्वर्ग कहते हैं …....
लव लैटर है
संता ने एक खाली कागज को किस किया !
बंता : ये क्या है ?
संता : मेरी गर्लफ्रेंड का लव लैटर है
बंता : मगर ये तो खाली है !
संता : आज कल हम एक दूसरे से बात नहीं करते है !
साधू बनने
पत्नी (पति से)- मेरी तो कोई संतान नही हैं इसलिए सोचती हूं कि अपनी सारी जयदाद किसी साधू को दान कर दूं।
ये सुनकर पति उठकर जाने लगा।
पत्नी- तुम कहां जा रहे हो?
पति (गंभीरता से)- साधू बनने।
दोस्त को गोली मार दी
संता ने अपनी बीवी को अपने एक दोस्त के साथ रोमांस करते देख लिया।
उसने आव देखा ना ताव बंदूक उठाई और दोस्त को गोली मार दी।
बीवी ने ये देखा और गुस्से में आ कर बोली।
बीवी- तुम अपने गुस्से पे काबू रखो, वरना एक दिन अपने सारे दोस्तो से हाथ धो बैठोगे..
मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012
मै डिस्टर्ब नहीं कर सकता
संता ने घर पे अपनी बीबी को फोन लगाया...नौकर ने उठाया...
संता नौकर से...अपनी मालकिन से बात करवाओ...
नौकर: मालकिन तो सो रही है साहब भी हैं...मै डिस्टर्ब नहीं कर सकता...
संता: क्या बकता है साले...साहब तो मै हूँ...
नौकर: तो मै क्या करूँ...
अब नेताओं की बात का क्या भरोसा!!
नेताओं की बस एक पेड़ से टकरा गई। कुछ नेता मौके पर ही मर गए कुछ अंतिम सांसे ले रहे थे।
दुर्घटना को देख किसान आए और खेत में गड्ढा खोदकर नेताओं को दबा दिया।
कुछ देर बाद जांच के लिए पुलिस भी पहुंची
पुलिसः जब आपने नेताओं को दफनाया तो क्या वो कुछ कह रहे थे
किसानः हां सर, कुछ जिंदा थे और कह रहे थे वो मरे नहीं हैं
पुलिसः फिर तुमने उन्हें दफना क्यों दिया
किसानः साहब वो नेता जो थे, अब नेताओं की बात का क्या भरोसा!!
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ
एक वकील के बेटे को उसकी मां ने थप्पड़ जड़ दिया
बेटा रोता हुआ पिता के पास गया और बोला, मां ने मुझे बेवजह पीटा है
ये सुनकर एक थप्पड़ पिता ने भी जड़ दिया
थप्पड़ जड़ कर पिता बोला, वकील के बेटे हो और ये भी नहीं पता कि सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपील हाई कोर्ट में नहीं होती, दादा के पास जाओ, इस मामले में अब राष्ट्रपति ही कुछ कर सकते हैं।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)