नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

रविवार, 30 अक्टूबर 2011

मुहावरे (ग)

गच्चा खाना : किसी फेर में पड़ धोखा खाना।
चौधरी उसे धक्का देकर, नारी जाति पर बल का प्रयोग करके गच्चा खा चुका था।

गज भर की छाती होना : बहुत अधिक उत्साह होना।
जब राणा प्रताप ने देखा कि शक्तिसिंह उनकी सहायता को आ रहा है तब उनकी गजभर की छाती हो गई।
गंगा नहाना : कर्तव्य और दायित्व पूरा करके निश्चिंत होना, सब झंझटों से छुटकारा पाना।

गाँठ बाँधना : याद रखना।
अच्छे लड़के अपने बड़ों की शिक्षा को गाँठ बाँध लेते हैं।

गरदन दबाना : कुछ करने, देने, हानि सहने आदि के लिए विवश करना.
ऐसे आदमियों से हम मिल जाते हैं और उनकी मदद से दूसरे आदमियों की गरदन दबाते हैं.

गरदन रेतना : धोखा देकर रुपया लेना, ठगना.
मालूम होता है कि आजकल कहीं कोई रकम मुफ्त हाथ आ गई है. सच कहना, किसकी गरदन रेती है?

गली-गली मारे फिरना : इधर-उधर व्यर्थ घूमना, जीविका के लिए इधर-उधर भटकना.
जब हमको मेहनताना देना ही है तो क्या यही एक वकील है? गली-गली तो मारे-मारे फिरते हैं.

गले पड़ना : किसी व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध उसके पास किसी का रहना, उसके पीछे पड़े रहना.

गले बाँधना : इच्छा के विरुद्ध सौंपना.
गृहस्थी का सारा काम भाइयों ने मेरे गले मढ़ दिया है.

गहरा पेट : गंभीर हृदय जिसका भेद न मिले.
अच्छा तो तुम्हीं अब तक मेरे साथ यह त्रिया-चरित्र खेल रही थीं. मैं जानती तो तुम्हें यहाँ बुलाती ही नहीं. ओफ्फोह, बड़ा गहरा पेट है तुम्हारा.

गाँठ का पूरा : धनी.
आँख के अंधों और गाँठ के पूरी की तलाश आपको भी उतनी ही है जितनी मुझको.

गाँठ खोलना : समस्या का निराकरण करना, कठिनाई - अड़चन दूर करना.

गागर में सागर : थोड़े-से शब्दों में बहुत अधिक भाव-विचार व्यक्त करना, थोड़े-से शब्दों में बड़ी महत्वपूर्ण बात कहना.
मुक्तक की रचना में कवि को गागर में सागर भरना पड़ता है.

गाड़ी अटकना : चलते-चलते काम बंद होना, रुकावट आना.

गाढ़ी छनना : घनिष्ठ मित्रता, बहुत अधिक मेल-जोल होना.

गाढ़ी कमाई : कड़ी मेहनत से कमाया हुआ पैसा, धन.

गाल बजाना : डींग मारना, बढ़-चढ़कर बातें करना.

गाली खाना : दुर्वचन सुनना.
ब्याह करूँगा तो जन्म भर गालियाँ खाने को मिलेंगी.

गाली गाना : विवाह आदि के शुभ अवसर पर गाली के गीत गाना.

गिरगिट की तरह रंग बदलना : अपनी बातों को सदा बदलते रहना, अपना मत, व्यवहार, वृत्ति बदलते रहना, कभी कुछ और कभी कुछ बनना.

गुजर जाना : मर जाना. कई दिन हुए वे गुजर गए.

गुड़ गोबर कर देना : बना-बनाया काम बिगाड़ देना.

गुड़ियों का खेल : बहुत आसान काम.

गुरु घंटाल : दुष्टों का नेता, धूर्तों का सरताज. वह अंधकार का गीदड़, वह दुर्गन्धमय राक्षस, जो इन सभी दुरात्माओं का गुरु घंटाल था.

गुल करना : दीपक या चिराग बुझा देना. वह चिराग गुल करके सो गया.

गुल खिलना : कोई अजीब बात, घटना होना. अचानक कोई बखेड़ा होना, भेद खुलना.

गुलछर्रे उड़ाना : मौज करना, आमोद-प्रमोद करना.

गुस्सा उतारना : क्रोध की शांति के लिए किसी पर बिगड़ना, मारना. क्रोध एक व्यक्ति पर हो और दूसरे को डांट-फटकार कर या दण्ड देकर अपने दिल को शांत करना.

गूंगे का गुड़ : वह आनंदानुभूति, सुख का अनुभव जिसका वर्णन न किया जा सके. भक्त को भगवान के चिंतन में जो आनंद मिलता है वह कहा नहीं जा सकता. वह तो गूंगे का गुड़ ही रहेगा.

गूलर का कीड़ा : कूपमंडूक, अल्पज्ञ व्यक्ति.

गोता खाना : डूबना, धोखा खाना. उसकी चिकनी-चुपड़ी बातों से मैं गोता खा गया.

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