मैं अबूझमाड़ हूं
मेरी अपनी ही एक दुनिया है
शांत और शाश्वत सौंदर्य से परिपूर्ण
बाहरी दुनिया के लिये
मैं अभी तक अबूझ ही था
क्योंकि मेरी रचना ही रचनाकार ने
कुछ ऐसी की है
कि सूर्य की ऊष्मा
या चंद्रमा की शीतलता भी
मेरे खपरैल तक ही आ पाती हैं
अभी तक अपनी इस शांत दुनिया
प्रवेश की अनुमति मैनें
किसी को नहीं दी है
सूर्य और चंद्रमा का धन्यवाद भी
कि उन्होंने कभी जबरदस्ती न करके
अपने सभ्य होने का ही प्रमाण ही दिया है
मैं अभी तक अबूझ ही था
मगर लगता है कि अब मुझे
बूझ लिया गया है
क्योंकि आजकल कभी-कभी
अनजान पदचापों की आहटें
सुनाई दे जाती हैं
और कभी-कभी
हवाई सर्वेक्षणों की गड़गड़ाहट भी!
जिससे मुझे लगता है
कि मुझे बूझ लिया गया है
लगता है उन्होंने बूझ लिया है
मेरे गर्भ में छिपी हुई
अमूल्य और अथाह संपदा को
और अब वह खोजेंगे कई बहाने
ताकि मुझमें छुपी हुई अमूल्य संपदा का
कर सकें दोहन पूरी सूझ-बूझ के साथ
मेरी अपनी ही एक दुनिया है
शांत और शाश्वत सौंदर्य से परिपूर्ण
बाहरी दुनिया के लिये
मैं अभी तक अबूझ ही था
क्योंकि मेरी रचना ही रचनाकार ने
कुछ ऐसी की है
कि सूर्य की ऊष्मा
या चंद्रमा की शीतलता भी
मेरे खपरैल तक ही आ पाती हैं
अभी तक अपनी इस शांत दुनिया
प्रवेश की अनुमति मैनें
किसी को नहीं दी है
सूर्य और चंद्रमा का धन्यवाद भी
कि उन्होंने कभी जबरदस्ती न करके
अपने सभ्य होने का ही प्रमाण ही दिया है
मैं अभी तक अबूझ ही था
मगर लगता है कि अब मुझे
बूझ लिया गया है
क्योंकि आजकल कभी-कभी
अनजान पदचापों की आहटें
सुनाई दे जाती हैं
और कभी-कभी
हवाई सर्वेक्षणों की गड़गड़ाहट भी!
जिससे मुझे लगता है
कि मुझे बूझ लिया गया है
लगता है उन्होंने बूझ लिया है
मेरे गर्भ में छिपी हुई
अमूल्य और अथाह संपदा को
और अब वह खोजेंगे कई बहाने
ताकि मुझमें छुपी हुई अमूल्य संपदा का
कर सकें दोहन पूरी सूझ-बूझ के साथ
जैसा कि मेरे भाई बस्तर के साथ हुआ है. (कृष्ण धर शर्मा,2011)
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