महात्मा गांधी की आत्मकथा का नाम "सत्य के प्रयोग" है, जो उनकी जीवनयात्रा का एक विस्तृत विवरण है, जिसमें उन्होंने सत्य, अहिंसा और ईश्वर को अपने जीवन का केंद्र बनाया। यह पुस्तक उनके बचपन के अनुभवों से शुरू होकर दक्षिण अफ्रीका में संघर्ष, भारत में सत्याग्रह आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम तक उनकी यात्रा का वर्णन करती है। इसमें उनके व्यक्तिगत सुधारों, प्रारंभिक भूलों, और उन पर विजय पाने के संघर्षों का भी उल्लेख है, जो सत्य की खोज में हुए प्रयोगों को दर्शाते हैं।
नमस्कार,आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757