कहां गया वह जमाना जब
आते थे फरिश्ते धरती पर
अब तो लगता है देखने से भी
कतराते हैं फरिश्ते धरती पर
एक जमाना था जब
द्रौपदियों की लाज बचाने
आते थे फरिश्ते धरती पर
सक्रिय होतीं आसुरी शकितयां
तब उन्हें मिटाने को
आते थे फरिश्ते धरती पर
जब बढ़ जाता बोझ धरा पर
आते थे फरिश्ते धरती पर
संपूर्ण पापियों का सर्वनाश
कर जाते थे फरिश्ते धरती पर
लेकिन लुट रही आज द्रौपदियां
मगर लाज बचाने को
नहीं आते फरिश्ते धरती पर
रौंदे जा रहे आज संतजन
नहीं आते फरिश्ते धरती पर
हर तरफ मचा है हाहाकार,अत्याचार
क्यूं नही आते फरिश्ते धरती पर.(कृष्ण धर शर्मा,1998)
आते थे फरिश्ते धरती पर
अब तो लगता है देखने से भी
कतराते हैं फरिश्ते धरती पर
एक जमाना था जब
द्रौपदियों की लाज बचाने
आते थे फरिश्ते धरती पर
सक्रिय होतीं आसुरी शकितयां
तब उन्हें मिटाने को
आते थे फरिश्ते धरती पर
जब बढ़ जाता बोझ धरा पर
आते थे फरिश्ते धरती पर
संपूर्ण पापियों का सर्वनाश
कर जाते थे फरिश्ते धरती पर
लेकिन लुट रही आज द्रौपदियां
मगर लाज बचाने को
नहीं आते फरिश्ते धरती पर
रौंदे जा रहे आज संतजन
नहीं आते फरिश्ते धरती पर
हर तरफ मचा है हाहाकार,अत्याचार
क्यूं नही आते फरिश्ते धरती पर.(कृष्ण धर शर्मा,1998)
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