प्रेम- महापुरुषों की नजर से :-
प्रेम रीति से जो मिले,
तेसो मिलिए धाय।
अन्तर राखे जो मिले,
तासों मिलै बलाय॥ - कबीरदास
प्रेम असीम विश्वास है, असीम धैर्य है और असीम बल है।
-प्रेमचंद
प्रेम आत्मा से होता है, शरीर से नहीं।
-भगवतीचरण वर्मा
प्रेम और संशय कभी साथ-साथ नहीं चलते।
-खलील जिब्रान
प्रेम का एक ही मूलमंत्र है और वह है सेवा।
- प्रेमचंद
प्रेम का नाता संसार के सभी संबंधो से पवित्र और श्रेष्ठ है।
- प्रेमचंद
प्रेम की पवित्रता का इतिहास ही मनुष्य की सभ्यता का इतिहास है, उसका जीवन है।
-शरतचंद्र चटर्जी
प्रेम क्रय नहीं किया जाता, वह अपने आप को अर्पित करता है।
-लांग फेलो
प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
-महात्मा गाँधी
प्रेम दो प्रेमियों के बीच पारदर्शी परदा है।
-खलील जिब्रान
प्रेम मृत्यु से अधिक शक्तिशाली है, मृत्यु जीवन से अधिक शक्तिशाली है। यह जानते हुए भी मानव-मानव के मध्य कितनी संकुचित सीमा खिंची है।
-खलील जिब्रान
प्रेम व्यथा तन में बसे, सब तन जर्जर होय।
राम वियोगी न जिए, जिए तो बौरा होय॥ -कबीरदास
प्रेम हमें अपने पड़ोसी अथवा मित्र पर ही नहीं, अपितु जो हमारे शत्रु हैं, उन पर भी रखना है। -महात्मा गाँधी
मनुष्य की समस्त दुर्बलताओं पर विजय प्राप्त करने वाली अमोघ वस्तु प्रेम मेरे विचार से परमात्मा की सबसे बड़ी देन है।
-डॉ० राधाकृष्णन
सच्चा प्रेम स्तुति से प्रकट नहीं होता, सेवा से प्रकट होता है।
-महात्मा गाँधी
सच्चे प्रेम में मनुष्य अपने आपको भूल जाता है।
-स्वामी रामतीर्थ
केवल प्रेम को ही नियम भंग करने का अधिकार है।
-स्वामी रामतीर्थ
प्रेम के स्पर्श से हर व्यक्ति कवि बन जाता है।
-प्लेटो
हमारे अन्तर में यदि प्रेम न जाग्रत हो, तो विश्व हमारे लिए कारागार ही है।
-रविंद्रनाथ ठाकुर
प्रेम पियाला जो पिये, शीश दक्षिणा देय ।
लोभी सीस न दे सके, नाम प्रेम का लेय॥ -कबीरदास
स्वामी हम तुम एक हैं, कहन-सुनन को दोय।
मन से मन को तौलिये, कबहुं न दो मन होय॥ -रसनिधि
जब आप किसी के बारे में फ़ैसला लेने लगते हैं तो प्यार करना भूल जाते हैं।
- मदर टेरेसा
प्यार करना, स्नेह लुटाना मनुष्य का सबसे कर्तव्य है। जो कुछ तुम सहर्ष उदारतापूर्वक दोगे, वह अप्रत्याशित तरीकों से तुम्हारे जीवन को समृद्ध कर जाएगा।
-ईसा मसीह
प्रेम रीति से जो मिले,
तेसो मिलिए धाय।
अन्तर राखे जो मिले,
तासों मिलै बलाय॥ - कबीरदास
प्रेम असीम विश्वास है, असीम धैर्य है और असीम बल है।
-प्रेमचंद
प्रेम आत्मा से होता है, शरीर से नहीं।
-भगवतीचरण वर्मा
प्रेम और संशय कभी साथ-साथ नहीं चलते।
-खलील जिब्रान
प्रेम का एक ही मूलमंत्र है और वह है सेवा।
- प्रेमचंद
प्रेम का नाता संसार के सभी संबंधो से पवित्र और श्रेष्ठ है।
- प्रेमचंद
प्रेम की पवित्रता का इतिहास ही मनुष्य की सभ्यता का इतिहास है, उसका जीवन है।
-शरतचंद्र चटर्जी
प्रेम क्रय नहीं किया जाता, वह अपने आप को अर्पित करता है।
-लांग फेलो
प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
-महात्मा गाँधी
प्रेम दो प्रेमियों के बीच पारदर्शी परदा है।
-खलील जिब्रान
प्रेम मृत्यु से अधिक शक्तिशाली है, मृत्यु जीवन से अधिक शक्तिशाली है। यह जानते हुए भी मानव-मानव के मध्य कितनी संकुचित सीमा खिंची है।
-खलील जिब्रान
प्रेम व्यथा तन में बसे, सब तन जर्जर होय।
राम वियोगी न जिए, जिए तो बौरा होय॥ -कबीरदास
प्रेम हमें अपने पड़ोसी अथवा मित्र पर ही नहीं, अपितु जो हमारे शत्रु हैं, उन पर भी रखना है। -महात्मा गाँधी
मनुष्य की समस्त दुर्बलताओं पर विजय प्राप्त करने वाली अमोघ वस्तु प्रेम मेरे विचार से परमात्मा की सबसे बड़ी देन है।
-डॉ० राधाकृष्णन
सच्चा प्रेम स्तुति से प्रकट नहीं होता, सेवा से प्रकट होता है।
-महात्मा गाँधी
सच्चे प्रेम में मनुष्य अपने आपको भूल जाता है।
-स्वामी रामतीर्थ
केवल प्रेम को ही नियम भंग करने का अधिकार है।
-स्वामी रामतीर्थ
प्रेम के स्पर्श से हर व्यक्ति कवि बन जाता है।
-प्लेटो
हमारे अन्तर में यदि प्रेम न जाग्रत हो, तो विश्व हमारे लिए कारागार ही है।
-रविंद्रनाथ ठाकुर
प्रेम पियाला जो पिये, शीश दक्षिणा देय ।
लोभी सीस न दे सके, नाम प्रेम का लेय॥ -कबीरदास
स्वामी हम तुम एक हैं, कहन-सुनन को दोय।
मन से मन को तौलिये, कबहुं न दो मन होय॥ -रसनिधि
जब आप किसी के बारे में फ़ैसला लेने लगते हैं तो प्यार करना भूल जाते हैं।
- मदर टेरेसा
प्यार करना, स्नेह लुटाना मनुष्य का सबसे कर्तव्य है। जो कुछ तुम सहर्ष उदारतापूर्वक दोगे, वह अप्रत्याशित तरीकों से तुम्हारे जीवन को समृद्ध कर जाएगा।
-ईसा मसीह
सच्चा इश्क मिलन में नही, तड़पन में है।
-रहीम कवि
-रहीम कवि
इश्क ने हमें निकम्मा बना दिया, वरना हम भी आदमी थे काम के।
-मिर्जा गालिब
-मिर्जा गालिब
जहाँ प्रेम और भक्ति नहीं, वहां परमात्मा नहीं।
- गुरु रामदास
- गुरु रामदास
True love is neither physical, nor romantic. Love is the true essence of life.
जवाब देंहटाएंTrue love is an acceptance of all that is, has been, will be, and will not be.
The happiest people don’t necessarily have the best of everything; they just make the best of everything they have.
Love and Life
‘Life isn’t about how to survive the storm, but how to dance in the rain.’