नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

गुरुवार, 22 जुलाई 2021

किसी के मर जाने से

 

रोजी-रोटी कमाने या

किसी जरूरी काम से

घर से निकलकर सड़क पर

चलते हुए अचानक से

किसी तेज रफ़्तार वाहन से

किसी के टकराकर

दुर्घटना में मर जाने से

नहीं रूकती है सड़क

और नहीं रुकते हैं ज्यादा देर तक

सड़क पर चलने वाले भी

मगर रुक जाती हैं कई जिंदगियां

मरने वाले के घर में

जो चलती थीं

मरनेवाले के चलते रहने से

           (कृष्णधर शर्मा 18.7.2021)

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