नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

शनिवार, 30 नवंबर 2024

फीके लगते हैं फिर गुंडे

 

मिल जाएं जब पुलिस और पंडे, फीके लगते हैं फिर गुंडे

डील-डौल से वजन में भारी, मांगते रहते सबसे रंगदारी  

                         कृष्णधर शर्मा 30.11.24

पूरे छह फुट का आदमी

कई सारे फायदे होते हैं

पूरे छह फुट का आदमी होने के

मसलन पुलिस या फौज की भर्ती में

मिलती है वरीयता, प्राथमिकता

या अन्य किसी भी लाइन में

अलग से ही पहचान में आ जाता है

देखने वाले भी देते हैं इज्जत

पूरे छह फुट के आदमी को

मगर कई सारे नुकसान भी होते हैं

पूरे छह फुट का आदमी होने के

जैसे कि बस की स्लीपर सीट में

सिर या पैर को मोड़कर लेटना पड़ता है

ट्रेन के साइड लोअर या अपर बर्थ में भी

पूरा फिट नहीं हो पाता है

पूरे छह फुट का आदमी

गाँव-देहात के कई पुराने दरवाजों में

अपना ही सिर टकराकर बन जाता है

लोगों की सहानुभूति का पात्र

और खुद ही हंस पड़ता है

शर्मिंदगी से बचने के लिए

पूरे छह फुट का आदमी

           कृष्णधर शर्मा 30.11.24

बुधवार, 27 नवंबर 2024

तुम अपने छुपा गए

 

किस्से तुम्हारे भी कुछ कम नहीं थे मेरे दोस्त

हमने तो अपने बता दिए तुम अपने छुपा गए

                          कृष्णधर शर्मा 26.11.24