नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

बुधवार, 13 अगस्त 2025

ऐ बेरहम कातिल

 

क़त्ल कर शौक से मेरा तू ऐ बेरहम कातिल

गुनाह बताकर मारता तो मरने में भी मज़ा आता

                    कृष्णधर शर्मा 12.8.25

शनिवार, 9 अगस्त 2025

वक्त से पहले ही

 

बचपन की यादें क्या बता पायेगा वह भला!

कि जो वक्त से पहले ही ज़िम्मेदार हो गया

                    कृष्णधर शर्मा 8.8.25

शुक्रवार, 8 अगस्त 2025

छोड़ कर चले गए सब यार

 

जाकर भी क्या हासिल उस गली में अब बता

कि छोड़ कर चले गए सब यार जिस गली को

                       कृष्णधर शर्मा 7.8.25

छोड़ कर चले गए सब यार

 

जाकर भी क्या हासिल उस गली में अब बता

कि छोड़ कर चले गए सब यार जिस गली को

                     कृष्णधर शर्मा 7.8.25