दंगों में कभी नहीं मारे जाते दंगाई
दंगों
में मरते हैं हमेशा ही
बेकसूर
और कमजोर लोग
जिन्हें
शायद अपनी गलती भी
ठीक
से नहीं होती पता
बुरे
लोगों की बुराई की कीमत
हमेशा
अच्छे लोग ही चुकाते हैं
दंगे
करके निकल जाते हैं दंगाई
छोड़
जाते हैं अपने पीछे
कभी
न भरने वाले घाव
जो
रह-रहकर रिसते रहते हैं
जीवन
भर किसी नासूर की तरह
कृष्णधर शर्मा 8.9.25
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Samajkibaat समाज
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